सहारनपुर: कंपनी बाग में मुगलों के वंशजों ने ये साइकस का पेड़ 300 पहले लगाया

मनोज राजपूत
उत्तर प्रदेश
26 मई 2025
सहारनपुर: कंपनी बाग में मुगलों के वंशजों ने ये साइकस का पेड़ 300 पहले लगाया
सहारनपुर। नगर को इसने अपनी आंखों से 1757 में देश पर अंग्रेजों का कब्जा होते देखा, 1857 की क्रांति देखी, 1947 की सुनहरी सुबह का गवाह रहा और 2025 में भी जस का तस खड़ा है. इसी जगह पर इसे सांस लेते हुए 300 साल हो बीत चुके हैं. सहारनपुर आज भी अपनी पुरातन चीजों को धरोहर के रूप में संजोए हुए हैं. इसी में शामिल है सहारनपुर शहर के बीच में स्थित साइकस का ऐसा पेड़, उद्यान विभाग जिसका बड़े-बुजुर्गों की तरह देखभाल करता है. सहारनपुर का उद्यान विभाग कभी कंपनी गार्डन के नाम से जाना जाता था. कुछ साल पहले इसका नाम बदलकर सुभाष चंद्र बोस उद्यान कंपनी बाग कर दिया गया. कंपनी बाग की स्थापना 1750 में इंतिजामुद्दौला ने की. गुलाम कादिर ने 1776 में उद्यान का जीर्णाेद्धार कराया.

इसी कंपनी बाग में मुगलों के वंशजों ने ये साइकस का पेड़ लगाया था. समय के साथ अब इसकी उम्र 300 साल से ज्यादा हो चुकी है. इसकी देखभाल कंपनी बाग के अधिकारी बुजुर्ग की तरह करते हैं. दूर-दूर से लोग इस पुराने पेड़ को देखने के लिए आते हैं और इसके साथ फोटो और सेल्फी लेते हैं. लगातार बढ़ रहे इस साइकस के पेड़ को संभालने के लिए बुजुर्गों की लाठी की तरह 8 पिलर बनाए गए हैं, जिनसे इस पेड़ को सहारा मिलता है. स्वबंस 18 से बात करते हुए औद्योगिक प्रयोग और प्रशिक्षण केंद्र के सहायक उद्यान विशेषज्ञ आकाश कनौजिया बताते हैं कि यहां के कंपनी गार्डन को सहारनपुर का हृदय कहा जाता है. इसमें कई प्रजातियों के सैकड़ो साल पुराने पेड़ हैं. उन्ही में से सबसे साइकस का पेड़ है, जो लगभग 300 साल पुराना है. ये कंपनी गार्डन केंद्र का एक विरासत वृक्ष है, जिसे धरोहर के रूप में संजोया गया है

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