बिहार के लखीसराय जिले में 21 जुलाई 2025 की रात एक दर्दनाक सड़क हादसे ने पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया। नेशनल हाईवे-30 पर लखीसराय-सिकंदरा मुख्य मार्ग के रामगढ़ चौक थाना क्षेत्र के झुलौना गांव के पास एक ट्रक और टेंपो की आमने-सामने टक्कर में 9 लोगों की मौत हो गई,
जबकि 6 लोग गंभीर रूप से घायल हुए। इस हादसे ने न केवल पीड़ित परिवारों को गहरा सदमा पहुँचाया, बल्कि सड़क सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल भी खड़े किए हैं।
हादसे का विवरण
हादसा रात करीब 10 बजे हुआ, जब एक सीएनजी टेंपो हलसी से लखीसराय की ओर जा रहा था। टेंपो में कुल 14 लोग सवार थे, जो एक शादी समारोह से लौट रहे थे।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सामने से आ रहे तेज रफ्तार ट्रक ने टेंपो को जोरदार टक्कर मारी। टक्कर इतनी भीषण थी कि टेंपो के परखच्चे उड़ गए, और 8 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। एक अन्य व्यक्ति ने सदर अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
मृतकों में टेंपो चालक मनोज गोस्वामी (35), तेतरहट थाना क्षेत्र के महिसोना मकरा टोला का रहने वाला, शामिल था। बाकी मृतकों की पहचान मुंगेर जिले के निवासियों के रूप में हुई है, जिसमें एक ही परिवार के 6 लोग शामिल थे। मृतकों की पहचान पूरी तरह से सुनिश्चित करने के लिए पुलिस प्रयास कर रही है।
घायलों को तुरंत सदर अस्पताल ले जाया गया, जहाँ उनकी हालत नाजुक होने के कारण उन्हें पटना मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (PMCH) रेफर किया गया।
प्रत्यक्षदर्शियों का बयान
हादसे के गवाह अनिल मिस्री, जो मृतक मनोज गोस्वामी के जीजा हैं, ने बताया कि टेंपो को कुछ लोगों को हलसी से लखीसराय लाने के लिए रिजर्व किया गया था। हादसे के समय टेंपो सामान्य गति से चल रहा था
, लेकिन सामने से आ रहे ट्रक की तेज रफ्तार और संभवतः चालक का नियंत्रण खोना हादसे का कारण बना। घटनास्थल पर चीख-पुकार मच गई, और आसपास के लोग मदद के लिए दौड़े।
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
हादसे की सूचना मिलते ही रामगढ़ चौक थाना पुलिस और स्थानीय प्रशासन की टीम मौके पर पहुँची। पुलिस ने शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा और घायलों को तुरंत चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई। नगर थानाध्यक्ष अमित कुमार ने बताया कि हादसे के कारणों की जांच की जा रही है, और ट्रक चालक को हिरासत में ले लिया गया है। प्रारंभिक जांच में तेज रफ्तार और संभवतः सड़क की खराब स्थिति को हादसे का कारण माना जा रहा है। मृतकों के परिजनों को सूचित कर दिया गया है, और उनकी पहचान के लिए प्रयास जारी हैं।
लखीसराय के SDPO राकेश कुमार ने बताया कि मृतकों के परिजनों को मुआवजे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। प्रशासन ने घायलों के इलाज के लिए हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है।
सड़क सुरक्षा पर सवाल
यह हादसा बिहार में सड़क सुरक्षा की बदहाल स्थिति को फिर से उजागर करता है। नेशनल हाईवे-30 पर अक्सर इस तरह के हादसे होते रहते हैं, जिनके लिए तेज रफ्तार, सड़क की खराब स्थिति, और चालकों की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया जाता है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि झुलौना गांव के पास सड़क पर गड्ढे और खराब लाइटिंग की समस्या लंबे समय से है, जिसे ठीक करने की मांग बार-बार उठाई गई
“लखीसराय में हुए इस दुखद हादसे ने फिर साबित कर दिया कि बिहार के हाईवे सुरक्षित नहीं हैं। प्रशासन को तुरंत सड़क सुधार और ट्रैफिक नियमों को सख्ती से लागू करना चाहिए।” सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
इस हादसे ने स्थानीय समुदाय में गहरा दुख और आक्रोश पैदा किया है। परिजनों और ग्रामीणों ने सड़क सुरक्षा के लिए जिम्मेदार अधिकारियों से जवाबदेही की मांग की है।
विपक्षी नेताओं ने भी सरकार पर सड़क सुरक्षा को लेकर लापरवाही का आरोप लगाया है। RJD नेता तेजस्वी यादव ने X पर लिखा, “लखीसराय हादसा दिल दहलाने वाला है। नीतीश सरकार सड़क सुरक्षा पर पूरी तरह विफल रही है।” मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हादसे पर दुख जताया और मृतकों के परिजनों को 4 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की। साथ ही, उन्होंने घायलों के मुफ्त इलाज का आदेश दिया है।