उत्तरकाशी में बाढ़ का कहर: रेस्क्यू जारी, स्कूल बंद!

हाय, उत्तराखंड वालों! जहाँ चार धाम की शांति और हिमालय की ठंडक है, आज उत्तरकाशी में बाढ़ और बारिश ने लोगों की चिंता बढ़ा दी। सुबह से भारी बारिश और नदियों का उफान मुसीबत बन गया। ये तो ऐसा है, जैसे तुम्हारे स्कूल में छुट्टी हो, लेकिन घर पानी से भर जाए! आइए, इस खबर का पूरा मज़ा लेते हैं।

## क्या हुआ?

आज सुबह 6 बजे से उत्तरकाशी में मूसलाधार बारिश शुरू हो गई, और रात 9:30 बजे तक हालात गंभीर बने हुए हैं। कल (6 अगस्त) के बादल फटने के बाद बाढ़ का असर आज भी जारी है, खासकर धराली, हर्षिल, और भटवारी इलाकों में। नदियाँ जैसे खीर गंगा और भागीरथी उफान पर हैं,

जिससे सड़कें बंद हो गईं और कई घरों में पानी घुस गया। ये तो वैसा ही है, जैसे तुम्हारी खिलौनी नाव पानी में बह जाए! करीब 200 लोग प्रभावित हैं, और कुछ इलाकों में मलबा आने से रास्ते अवरुद्ध हो गए। स्थानीय लोग कह रहे हैं कि बारिश इतनी तेज़ थी कि पहाड़ों से पत्थर और मिट्टी भी नीचे आ गए, जिससे कई गांवों का संपर्क टूट गया।

## रेस्क्यू का तमाशा

हादसे के बाद SDRF, NDRF, ITBP, और सेना की टीमें रेस्क्यू में जुट गईं। आज दिनभर 230 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला गया, और रात 10 बजे तक ऑपरेशन जारी रहेगा। ये तो जैसे तुम्हारे दोस्त बारिश में फंस जाएं और तुम उन्हें रस्सी से बचाओ! हेलिकॉप्टर और नावें इस्तेमाल हो रही हैं,

लेकिन कोहरा और मलबा काम में रुकावट डाल रहा है। CM पुष्कर सिंह धामी ने आज दोपहर उत्तरकाशी जाकर हालात देखे और रात तक रेस्क्यू तेज करने का आदेश दिया। हेल्पलाइन नंबर भी जारी हैं, ताकि लोग मदद माँग सकें या अपनी स्थिति बता सकें। ये रेस्क्यू तो किसी रात की सुपरहीरो स्टोरी जैसा लग रहा है!

## बाढ़ का असर

उत्तरकाशी में बारिश ने सड़कों को तबाह कर दिया। बाजार बंद हैं, और होटल-रेस्तरां वाले परेशान हैं कि खाना और सामान बर्बाद हो रहा है। लोग अपने घरों को छोड़कर ऊंची जगहों—जैसे मंदिरों, स्कूलों, और पहाड़ी ढलानों—पर शरण ले रहे हैं। ये तो जैसे तुम्हारा घर की छत पर चढ़कर बारिश देखो! बिजली कई जगहों पर गुल हो गई,

और लोग मोमबत्ती या टॉर्च की रोशनी में रात बिता रहे हैं। चारधाम यात्रा पूरी तरह रुकी हुई है, जिससे श्रद्धालु परेशान हैं और वापस लौटने की सोच रहे हैं। सड़कों पर कीचड़ और मलबा इतना है कि पैदल चलना भी मुश्किल हो गया। स्कूलों में कल तक के लिए छुट्टी की घोषणा हो गई, जिससे बच्चे खुश हैं।

## लोग क्या कह रहे हैं?

उत्तराखंड के लोग डरे हुए हैं, लेकिन सरकार के प्रयासों से थोड़ी राहत महसूस कर रहे हैं। कुछ कह रहे हैं कि बारिश तो ठीक है, लेकिन बाढ़ और मलबा मुसीबत बन गया। ये तो जैसे तुम बारिश में खेलो, लेकिन अचानक पानी और पत्थर घर में घुस जाए! सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हैं, जिसमें बाढ़ का पानी, मकान बहते, और लोग नावों में बैठे दिख रहे हैं।

कुछ मजाक में कह रहे हैं कि अब तो नाव से चार धाम जाएँगे! स्थानीय लोग मौसम विभाग पर भी चुटकी ले रहे हैं कि अलर्ट दे दिया, लेकिन बारिश कम क्यों नहीं की?

## सरकार का रोल

प्रशासन ने तुरंत एक्शन लिया है। नगर पंचायत की टीमें मलबा हटाने और पानी निकालने में जुट गई हैं, और राहत कैंप लगाए जा रहे हैं, जहाँ खाना, दवाइयाँ, और कंबल मिल रहे हैं।

ये तो जैसे तुम्हारे स्कूल में रेनकोट और छाता बाँट दिया जाए! सरकार का मकसद है कि कोई भूखा या बेघर न रहे। CM धामी ने कहा कि प्रभावित इलाकों में रातभर नजर रखी जाएगी, और हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू जारी रहेगा। लोग प्रशासन की तारीफ भी कर रहे हैं कि मदद का काम रात में भी नहीं रुका।

## हम क्या सीखें?

इस खबर से हमें कुछ सुपर बातें सीखने को मिलती हैं:
1. **सावधानी रखो**: बारिश में पहाड़ों पर न जाएं, जैसे तुम कार्टून देखो।
2. **तैयारी करो**: छाता, टॉर्च, और राशन रखो, जैसे स्कूल बैग में पेंसिल।
3. **हेल्प माँगो**: दिक्कत हो तो सरकार को बताओ, जैसे दोस्त से मदद माँगो।
4. **एकता दिखाओ**: मुसीबत में एक-दूसरे की मदद करो, जैसे टीम में गेम खेलो।

## आगे क्या होगा?

मौसम विभाग ने कल (8 अगस्त) तक भारी बारिश की चेतावनी दी है। अगर हालात बिगड़े, तो और टीमें भेजी जाएँगी। सरकार का प्लान है कि रात तक लापता लोगों को ढूंढा जाए और स्कूलों की छुट्टी बढ़ाई जाए। तुम्हें क्या लगता है, पानी कब उतरेगा?

 

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