परिवहन विभाग ने बिना हेलमेट के पीछे बैठने वालों को निशाना बनाते हुए सख्त प्रवर्तन अभियान शुरू किया है। अब से बिना हेलमेट के मोटरसाइकिल पर पीछे बैठे पकड़े गए किसी भी व्यक्ति पर 1,000 रुपये का भारी जुर्माना लगाया जाएगा।
यह कदम दोपहिया वाहनों से जुड़ी सड़क दुर्घटनाओं में उल्लेखनीय वृद्धि के जवाब में आया है। एआरटीओ विमल पांडे के अनुसार, इस नियम को लागू करने का निर्णय उच्च अधिकारियों के हालिया निर्देशों के कारण लिया गया था। लक्ष्य बाइक दुर्घटनाओं के परिणामस्वरूप चोटों और मौतों की संख्या को कम करना है।
हेलमेट पहनना सिर्फ एक एहतियाती उपाय नहीं है; यह एक जीवन रक्षक अभ्यास है। आंकड़ों ने लगातार दिखाया है कि दुर्घटना की स्थिति में हेलमेट सिर की गंभीर चोटों के जोखिम को काफी कम कर देता है। परिवहन विभाग की पहल का उद्देश्य बाइकर्स और उनके यात्रियों के बीच सुरक्षा की संस्कृति को बढ़ावा देना है। पीछे बैठने वालों के लिए हेलमेट अनिवार्य करके, अधिकारियों को एक मिसाल कायम करने की उम्मीद है जो सड़क सुरक्षा के महत्व पर जोर देती है।
जन प्रतिक्रिया और जागरूकता अभियान
इस नए प्रवर्तन अभियान के लिए जनता की प्रतिक्रिया मिश्रित रही है। जबकि कुछ सवार सुरक्षा पर बढ़ते ध्यान की सराहना करते हैं, दूसरों को जुर्माना बोझ लगता है। हालांकि, परिवहन विभाग का मानना है कि इस विनियमन के दीर्घकालिक लाभ असुविधा से कहीं अधिक हैं। व्यापक अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए, नए नियमों और हेलमेट के उपयोग के महत्व के बारे में जनता को शिक्षित करने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे।
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