“उत्तराखंड में, 4 नवंबर 2023 को, जसपुर में सब-डिवीजनल मैजिस्ट्रेट (SDM) ने एक अचानक छापेमारी की और बिना पंजीकरण कराए चल रहे दो निजी नर्सिंग होम को सील कर दिया। इस छापेमारी के दौरान, इन नर्सिंग होमों में भर्ती मरीजों को सरकारी अस्पताल में भेज दिया गया। यह कार्रवाई खासकर उन डॉक्टरों के बारे में हलचल मचा दी है, जो इन संस्थानों में काम कर रहे थे।
एसडीएम गौरव चटवाल ने इन प्राइवेट अस्पतालों में अनियमितताओं की सूचना पर छापेमार की शुरुआत की। छापेमार की प्रक्रिया को गर्ग अस्पताल के पीछे स्थित सहारा नर्सिंग होम में किया गया। जांच के दौरान पता चला कि यह नर्सिंग होम एक आवासीय इमारत से चल रहा था, जिसमें चार मरीज भर्ती थे, जिसमें से एक गर्भवती महिला थी जिसे तुरंत सरकारी अस्पताल में भेज दिया गया।
इसके बाद, एसडीएम की टीम ठाकुरद्वारा रोड पर एमएच नर्सिंग होम में छापेमारी करने गई। वहां दस मरीज भर्ती थे, लेकिन हैरानी की बात है कि न तो डॉक्टर और न ही कर्मचारी मौजूद थे। गौरव चटवाल ने बताया कि क्षेत्र में पंजीकरण के बिना चल रहे अस्पतालों के बारे में रिपोर्ट्स आ रही हैं, जिसकी वजह से इस अनपेक्षित छापेमारी की गई। ये जानकारियां जिला मजिस्ट्रेट को रिपोर्ट करी जाएंगी।
चिकित्सा सुपरिंटेंडेंट डॉ. हितेश शर्मा ने बताया कि सहारा नर्सिंग होम में चार मरीज भर्ती थे, जिसमें से एक महिला का ऑपरेशन किया गया था। उसे सरकारी अस्पताल में भेज दिया गया है, जबकि तीन मरीज अपने परिवार के साथ घर वापस गए हैं। डेंटल नर्सिंग होम में दस मरीज भर्ती थे, जिनमें से सभी छापेमार होते ही अपने परिवार के साथ तुरंत घर चले गए थे। इस खास बात को ध्यान में रखते हुए, यह दोनों नर्सिंग होम में न तो कोई डॉक्टर, नर्स, ऑपरेशन फ़ाइल्स और उपकरण मौजूद थे, जिसके बाद उन्हें सील कर दिया गया।
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