मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक कक्ष में गढ़वाली फिल्म ‘रिखुली’ का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने फिल्म से जुड़े कलाकारों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि फिल्में न केवल समाज को दिशा प्रदान करती हैं बल्कि युवाओं को भी प्रेरित करती हैं। उत्तराखण्ड का नैसर्गिक सौन्दर्य फिल्मकारों के लिए आकर्षण का केन्द्र बन गया है, जिसके चलते प्रदेश में फिल्म निर्माताओं के हित में अनेक निर्णय लिए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड फिल्म निर्माण का गंतव्य है, जहां पूरा राज्य फिल्म निर्माण के अवसर प्रदान करता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि “रिखुली” युवा पीढ़ी को हमारी पारंपरिक लोक परंपराओं और मान्यताओं से परिचित कराने का एक सार्थक प्रयास है। मुख्यमंत्री ने हमारी संस्कृति और हमारे पूर्वजों द्वारा पारित मूल्यों से जुड़े रहने की आवश्यकता पर जोर दिया, क्योंकि वे हमारी जड़ें हैं। जीवन में सफलता और हमारी पहचान का संरक्षण हमारी जड़ों से जुड़े रहने से आता है।
फिल्म निर्देशक श्री जगत किशोर गैरोला ने बताया कि प्राकृतिक परिवर्तन के चक्र में पुरानी परंपराएं और मान्यताएं धीरे-धीरे खत्म हो जाती हैं, खासकर मोबाइल फोन के आने के बाद बदलाव की गति इतनी तेज हो गई है कि यह अब आज की पीढ़ी की कल्पना से परे है। फिल्म ‘रिखुली’ 1990 के दशक में चमोली जिले के दूरदराज के इलाकों खासकर दूर के पहाड़ों के दूरदराज के इलाकों की जीवन शैली, मान्यताओं, परंपराओं और समाज को पकड़ने का एक प्रयास है।
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