उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025: पहले चरण का मतदान

आज, 24 जुलाई 2025 को उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के पहले चरण का मतदान शुरू हुआ। यह चुनाव राज्य के ग्रामीण विकास और लोकतंत्र को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

गढ़वाल मंडल के 26 और कुमाऊं मंडल के 23 विकास खंडों में मतदान प्रक्रिया सुचारु रूप से चल रही है। इस चुनाव में 12 जिलों (हरिद्वार को छोड़कर) में हजारों स्थानीय प्रतिनिधियों का चयन किया जाएगा।

मतदान का महत्व और मुख्यमंत्री की अपील

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खटीमा के नगला तराई में अपनी मां बिशना देवी के साथ राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय के बूथ नंबर 3 पर मतदान किया। उन्होंने मतदाताओं से अधिक से अधिक संख्या में मतदान केंद्रों पर पहुंचकर अपने मताधिकार का उपयोग करने की अपील की। अपने सोशल मीडिया पोस्ट पर उन्होंने लिखा,

“सशक्त पंचायतें, सशक्त उत्तराखंड। यह सिर्फ एक वोट नहीं, बल्कि उत्तराखंड के गांव-गांव में लोकतंत्र की नींव को मजबूत करने का संकल्प है।” उन्होंने योग्य, जागरूक और जनसेवा के प्रति समर्पित प्रतिनिधियों को चुनने पर जोर दिया, जो ग्रामीण विकास को गति दे सकें।

चुनाव की प्रक्रिया और आंकड़े

राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार, पहले चरण में 26 लाख से अधिक मतदाता 17,829 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे। इसमें शामिल हैं:

  • ग्राम पंचायत सदस्य: 2,247 उम्मीदवार 948 सीटों के लिए।
  • प्रधान ग्राम पंचायत: 9,731 उम्मीदवार 3,393 पदों के लिए।
  • क्षेत्र पंचायत सदस्य: 4,980 उम्मीदवार 1,507 पदों के लिए।
  • जिला पंचायत सदस्य: 871 उम्मीदवार 201 पदों के लिए।

चुनाव दो चरणों में हो रहा है, जिसमें दूसरा चरण 28 जुलाई को होगा और मतगणना 31 जुलाई को होगी। हरिद्वार जिले को इस चुनाव से बाहर रखा गया है।

मतदान की व्यवस्था और चुनौतियां

राज्य निर्वाचन आयोग ने सुचारु मतदान के लिए व्यापक व्यवस्थाएं की हैं। भारी बारिश के बावजूद, पहले चरण में मतदान का उत्साह देखा गया। खटीमा में मुख्यमंत्री धामी हेलीकॉप्टर से सराफ पब्लिक स्कूल के हेलीपैड पर उतरे और वहां से मतदान केंद्र पहुंचे।

नैनिताल हाई कोर्ट ने 23 जून को लगाए गए स्थगन आदेश को हटाकर इस चुनाव प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की अनुमति दी थी।

पंचायतों का महत्व

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि पंचायतें ग्रामीण विकास की नींव हैं। इनके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में विकास योजनाएं लागू की जाती हैं।

उन्होंने विशेष रूप से युवाओं, महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों से मतदान में सक्रिय भागीदारी की अपील की, ताकि लोकतंत्र की ताकत को और मजबूती मिले। हर वोट राज्य के भविष्य को आकार देने में निर्णायक भूमिका निभा सकता है।

निष्कर्ष

उत्तराखंड का त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव ग्रामीण क्षेत्रों में नेतृत्व और विकास को बढ़ावा देने का एक अवसर है। मुख्यमंत्री धामी की अपील और उनकी सक्रिय भागीदारी से मतदाताओं में उत्साह देखा जा रहा है।

यह चुनाव न केवल स्थानीय प्रतिनिधियों का चयन करेगा, बल्कि उत्तराखंड के ग्रामीण विकास को नई दिशा भी प्रदान करेगा।

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