हाय, यूपी वालों! जहाँ काशी की गंगा आरती और बनारसी पान की मस्ती है, आज वाराणसी में बाढ़ की वजह से हलचल मची है। सुबह से भारी बारिश और गंगा नदी का उफान लोगों के लिए मुसीबत बन गया। ये तो ऐसा है, जैसे तुम्हारे स्कूल में छुट्टी हो, लेकिन घर पानी से भर जाए! आइए, इस खबर का पूरा मज़ा लेते हैं।
## क्या हुआ?
आज सुबह 7 बजे से वाराणसी और आसपास के इलाकों में मूसलाधार बारिश शुरू हो गई। गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया, जिससे दशाश्वमेध घाट, अस्सी घाट, और निचले इलाकों जैसे चेतगंज और लंका में पानी घुस गया।
ये तो वैसा ही है, जैसे तुम्हारी खिलौनी नाव अचानक बह जाए! करीब 150 से ज्यादा घर प्रभावित हुए, और लोग अपने सामान—चावल, बर्तन, तकियों, और बनारसी साड़ियों तक—को ऊंची जगहों पर शिफ्ट कर रहे हैं।
स्थानीय लोग कह रहे हैं कि बारिश के साथ नदी का बहाव इतना तेज़ हो गया कि सड़कें डूब गईं, और कुछ गाड़ियाँ भी कीचड़ में फंस गईं। गंगा के किनारे के मंदिरों तक पानी पहुँच गया, जिससे लोग परेशान हैं।
## रेस्क्यू का तमाशा
हादसे की खबर मिलते ही SDRF (राज्य आपदा राहत बल) की टीमें मौके पर पहुंच गईं। टीम ने तुरंत रेस्क्यू शुरू किया और अब तक 100 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट कर दिया गया है,
जिसमें बच्चे, महिलाएँ, और बुजुर्ग शामिल हैं। ये तो जैसे तुम्हारे दोस्त बारिश में फंस जाएं और तुम उन्हें छाता देकर बचाओ! नावों और पंपिंग सेट का इस्तेमाल हो रहा है, और गोताखोर भी तैनात किए गए हैं जहाँ पानी ज्यादा है। CM योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को अलर्ट किया है
कि रेस्क्यू 24 घंटे जारी रहे और किसी को नुकसान न हो। हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं, ताकि लोग मदद माँग सकें या अपनी स्थिति बता सकें। ये रेस्क्यू तो किसी एक्शन फिल्म जैसा लग रहा है!
## बाढ़ का असर
वाराणसी में बारिश और गंगा के उफान ने सड़कों को तबाह कर दिया। बाजार बंद हैं, और बनारसी पान, मालिश वाले, और सिल्क साड़ियों की दुकानें भी ठप्प हैं। लोग अपने घरों को छोड़कर ऊंची जगहों—जैसे मंदिरों, स्कूलों, और दोस्तों के घरों—पर शरण ले रहे हैं।
ये तो जैसे तुम्हारा घर की छत पर चढ़कर बारिश देखो! बिजली कई जगहों पर गुल हो गई, और लोग मोमबत्ती या टॉर्च से रात बिता रहे हैं। स्कूल-कॉलेजों में छुट्टी की घोषणा हो गई, जिससे बच्चे खुश हैं,
लेकिन माता-पिता चिंतित हैं कि पढ़ाई का समय बर्बाद हो रहा है। ट्रैफिक पूरी तरह थम गया है, और लोग पैदल चलकर कीचड़ से जूझ रहे हैं। घाटों पर गंगा आरती भी प्रभावित हुई, जिससे श्रद्धालु निराश हैं।
## लोग क्या कह रहे हैं?
वाराणसी के लोग थोड़े डरे हुए हैं, लेकिन सरकार के रेस्क्यू से राहत महसूस कर रहे हैं। कुछ कह रहे हैं कि बारिश से ठंडक तो मिली, लेकिन बाढ़ ने परेशानी बढ़ा दी। ये तो जैसे तुम बारिश में मस्ती करो, लेकिन पानी घर में घुस जाए! सोशल मीडिया पर लोग वीडियो शेयर कर रहे हैं,
जिसमें गंगा का पानी घाटों को लीलता, नावें चलती, और लोग अपने सामान बचाते दिख रहे हैं। कुछ मजाक में कह रहे हैं कि अब तो नाव से गंगा आरती करेंगे, और कुछ बनारसी ठुमरी गा रहे हैं! स्थानीय लोग प्रशासन पर भी गुस्सा हैं कि ड्रेनेज सिस्टम पहले से ठीक क्यों नहीं किया गया।
## सरकार का रोल
प्रशासन ने तुरंत एक्शन लिया है। नगर निगम की टीमें पंपिंग सेट लगाकर पानी निकालने में जुट गई हैं, और राहत कैंप लगाए जा रहे हैं, जहाँ खाना, दवाइयाँ, और कंबल मिल रहे हैं। ये तो जैसे तुम्हारे स्कूल में रेनकोट और छाता बाँट दिया जाए!
सरकार का मकसद है कि कोई भूखा या बेघर न रहे। CM योगी ने कहा कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में 24 घंटे नजर रखी जाएगी, और अतिरिक्त टीमें भेजी जाएँगी। लोग प्रशासन की तारीफ भी कर रहे हैं कि रेस्क्यू और राहत का काम तेजी से हो रहा है।
## हम क्या सीखें?
इस खबर से हमें कुछ सुपर बातें सीखने को मिलती हैं:
1. **सावधानी रखो**: बारिश में नदी के पास न जाएं, जैसे तुम कार्टून देखो।
2. **तैयारी करो**: छाता, टॉर्च, और राशन रखो, जैसे स्कूल बैग में पेंसिल।
3. **हेल्प माँगो**: दिक्कत हो तो सरकार को बताओ, जैसे दोस्त से मदद माँगो।
4. **एकता दिखाओ**: मुसीबत में एक-दूसरे की मदद करो, जैसे टीम में गेम खेलो।
## आगे क्या होगा?
मौसम विभाग कह रहा है कि अगले दो दिन बारिश जारी रह सकती है। अगर बाढ़ और बढ़ी, तो और टीमें भेजी जाएँगी। सरकार का प्लान है कि जल्द से जल्द पानी निकाला जाए। तुम्हें क्या लगता है, पानी कब उतरेगा?