पटना में गंगा का उफान: बाढ़ ने मचाया हंगामा!

हाय, बिहार वालों! जहाँ लिट्टी-चोखा और चंपारण का स्वाद है, आज पटना में गंगा नदी का उफान बाढ़ की शक्ल में मुसीबत बन गया। सुबह से भारी बारिश हो रही है, जिससे सड़कें डूब गईं और लोग अलर्ट मोड में हैं। ये तो ऐसा है, जैसे तुम्हारे स्कूल में छुट्टी हो, लेकिन घर पानी से भर जाए! आइए, इस खबर का पूरा मज़ा लेते हैं।

## क्या हुआ?

आज सुबह 6 बजे से पटना और आसपास के इलाकों में मूसलाधार बारिश शुरू हो गई, और शाम 6:50 बजे तक रुकने का नाम नहीं ले रही। गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया, जिससे गांधी घाट, आलमगंज, राजेंद्रनगर, और कंकड़बाग जैसे इलाके पानी में डूब गए। ये तो वैसा ही है,

जैसे तुम्हारी नाव कीचड़ में फंस जाए! करीब 50,000 लोग प्रभावित हुए, और कई घरों में पानी घुटनों तक पहुँच गया। लोग अपने सामान—चावल, बर्तन, तकियों, और लिट्टी-चोखा के डिब्बों तक—को ऊंची जगहों पर शिफ्ट कर रहे हैं। स्थानीय लोग कह रहे हैं कि बारिश के साथ नदी का बहाव इतना तेज़ हो गया कि सड़कों पर चलना मुश्किल हो गया, और कुछ गाड़ियाँ भी पानी में फंस गईं।

## रेस्क्यू का तमाशा

हादसे की खबर मिलते ही SDRF (राज्य आपदा राहत बल) और NDRF की टीमें मौके पर पहुंच गईं। टीमों ने तुरंत रेस्क्यू शुरू किया और अब तक 200 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट कर दिया गया है, जिसमें बच्चे, महिलाएँ, और बुजुर्ग शामिल हैं। ये तो जैसे तुम्हारे दोस्त बारिश में फंस जाएं और तुम उन्हें छाता देकर बचाओ! नावों और पंपिंग सेट का इस्तेमाल हो रहा है,

और गोताखोर भी तैनात किए गए हैं जहाँ पानी ज्यादा है। CM नीतीश कुमार ने अधिकारियों को अलर्ट किया है कि रेस्क्यू रात तक जारी रहे और किसी को नुकसान न हो। हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं, ताकि लोग मदद माँग सकें या अपनी स्थिति बता सकें। ये रेस्क्यू तो किसी एक्शन फिल्म जैसा लग रहा है!

## बाढ़ का असर

पटना में बारिश ने सड़कों को तालाब बना दिया। बाजार बंद हैं, और लिट्टी-चोखा बेचने वाले, चाट वाले, और दुकानदार भी परेशान हैं कि ग्राहक नहीं आ रहे। लोग अपने घरों को छोड़कर ऊंची जगहों—जैसे स्कूलों, मंदिरों, और दोस्तों के घरों—पर शरण ले रहे हैं।

ये तो जैसे तुम्हारा घर की छत पर चढ़कर बारिश देखो! बिजली कई जगहों पर गुल हो गई, और लोग मोमबत्ती या टॉर्च की रोशनी में शाम बिता रहे हैं। स्कूल-कॉलेजों में छुट्टी की घोषणा हो गई, जिससे बच्चे खुश हैं,

लेकिन माता-पिता चिंतित हैं कि पढ़ाई का समय बर्बाद हो रहा है। ट्रैफिक पूरी तरह थम गया है, और लोग पैदल चलकर कीचड़ से जूझ रहे हैं। गंगा के किनारे के गांवों में तो हालत और खराब है।

## लोग क्या कह रहे हैं?

बिहार के लोग थोड़े डरे हुए हैं, लेकिन सरकार के रेस्क्यू से राहत महसूस कर रहे हैं। कुछ कह रहे हैं कि बारिश से ठंडक तो मिली, लेकिन बाढ़ ने मुसीबत बढ़ा दी। ये तो जैसे तुम बारिश में मस्ती करो, लेकिन पानी घर में घुस जाए! सोशल मीडिया पर लोग वीडियो शेयर कर रहे हैं,

जिसमें गंगा का पानी घाटों को लीलता, नावें चलती, और लोग अपने सामान बचाते दिख रहे हैं। कुछ मजाक में कह रहे हैं कि अब तो नाव से लिट्टी-चोखा डिलीवर करेंगे! स्थानीय लोग प्रशासन पर भी गुस्सा हैं कि ड्रेनेज सिस्टम पहले से ठीक क्यों नहीं किया गया।

## सरकार का रोल

प्रशासन ने तुरंत एक्शन लिया है। नगर निगम की टीमें पंपिंग सेट लगाकर पानी निकालने में जुट गई हैं, और राहत कैंप लगाए जा रहे हैं, जहाँ खाना, दवाइयाँ, और कंबल मिल रहे हैं। ये तो जैसे तुम्हारे स्कूल में रेनकोट और छाता बाँट दिया जाए! सरकार का मकसद है कि कोई भूखा या बेघर न रहे। CM नीतीश कुमार ने कहा कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में रातभर नजर रखी जाएगी, और अतिरिक्त टीमें भेजी जाएँगी। लोग प्रशासन की तारीफ भी कर रहे हैं कि रेस्क्यू और राहत का काम तेजी से हो रहा है।

## हम क्या सीखें?

इस खबर से हमें कुछ सुपर बातें सीखने को मिलती हैं:
1. **सावधानी रखो**: बारिश में नदी के पास न जाएं, जैसे तुम कार्टून देखो।
2. **तैयारी करो**: छाता, टॉर्च, और राशन रखो, जैसे स्कूल बैग में पेंसिल।
3. **हेल्प माँगो**: दिक्कत हो तो सरकार को बताओ, जैसे दोस्त से मदद माँगो।
4. **एकता दिखाओ**: मुसीबत में एक-दूसरे की मदद करो, जैसे टीम में गेम खेलो।

## आगे क्या होगा?

मौसम विभाग कह रहा है कि अगले दो दिन बारिश जारी रह सकती है। अगर बाढ़ और बढ़ी, तो और टीमें भेजी जाएँगी। सरकार का प्लान है कि जल्द से जल्द पानी निकाला जाए। तुम्हें क्या लगता है, पानी कब उतरेगा?

 

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