हाय, दोस्तों! क्या तुमने कभी सोचा कि तुम्हारे गाँव को और कूल बनाने वाला लीडर कौन चुनता है? वो लीडर जो सड़कें बनवाए, स्कूल ठीक करे, या गाँव में पार्क बनाए? ये काम होता है
पंचायत चुनाव के जरिए! ये तो ऐसा है, जैसे तुम अपनी क्लास में मॉनिटर चुनते हो, जो टीचर की मदद करता है और क्लास को सुपर बनाता है! चलो, जानते हैं कि पंचायत चुनाव क्या है और ये इतना खास क्यों है!
पंचायत चुनाव का मतलब?
पंचायत चुनाव वो इलेक्शन है, जिसमें गाँव वाले अपने लीडर चुनते हैं।
ये लीडर गाँव को बेहतर बनाने के लिए काम करते हैं, जैसे तुम्हारा फेवरेट सुपरहीरो शहर को बचाता है! भारत में, खासकर उत्तराखंड जैसे जगहों में, पंचायतें गाँव की सरकार होती हैं। ये तीन स्तरों पर काम करती हैं:
- ग्राम पंचायत: ये गाँव का सबसे छोटा लेवल है। यहाँ सरपंच और ग्राम पंचायत सदस्य चुने जाते हैं, जो गाँव की साफ-सफाई, पानी, और स्कूल जैसे काम देखते हैं।
- ब्लॉक पंचायत: कई गाँवों का एक ग्रुप होता है, जिसे ब्लॉक कहते हैं। यहाँ ब्लॉक प्रमुख चुना जाता है, जो बड़े काम, जैसे रोड या हॉस्पिटल, के लिए प्लान बनाता है।
- जिला पंचायत: पूरे जिले के लिए लीडर चुने जाते हैं, जो जिले के बड़े-बड़े प्रोजेक्ट्स, जैसे बड़ी सड़कें या स्कूल, को मैनेज करते हैं।
सोचो, ये तो जैसे तुम्हारी स्कूल की स्टूडेंट काउंसिल है, जो स्कूल को और मजेदार बनाती है!
ये चुनाव क्यों जरूरी है?
पंचायत चुनाव इसलिए खास हैं क्योंकि ये गाँव वालों को पावर देते हैं। तुम्हारे मम्मी-पापा या गाँव के लोग वोट डालकर अपने लीडर चुनते हैं। ये लीडर गाँव को स्मार्ट बनाते हैं,
जैसे नया पार्क, साफ पानी, या लाइट की व्यवस्था। अगर अच्छा लीडर चुना जाए, तो गाँव सुपर कूल बन सकता है, जैसे तुम्हारा फेवरेट गेमिंग जोन! लेकिन अगर लीडर अच्छा न हो, तो गाँव में दिक्कतें हो सकती हैं, जैसे टूटी सड़कें।
कैसे होता है पंचायत चुनाव?
पंचायत चुनाव हर 5 साल में होते हैं। गाँव में वोटिंग बूथ बनते हैं, जैसे तुम्हारे स्कूल में एग्जाम हॉल। लोग वहाँ जाकर वोट डालते हैं। हर बूथ पर पुलिस होती है, ताकि सब सेफ रहे। लोग अपने फेवरेट कैंडिडेट को चुनते हैं,
जैसे तुम अपने बेस्ट फ्रेंड को क्लास मॉनिटर बनाना चाहते हो। वोटिंग के बाद, जिसे सबसे ज्यादा वोट मिलते हैं, वो जीत जाता है और गाँव का लीडर बनता है।
उत्तराखंड में, जैसे आज (27 जुलाई 2025) हुआ, लोग बारिश में भी वोट डालने गए। 68% लोगों ने वोट डाला, यानी ज्यादातर लोग अपने गाँव को बेहतर बनाना चाहते थे! ये तो सुपर पावर जैसा है, ना?
लीडर क्या-क्या करते हैं?
पंचायत लीडर गाँव के लिए ढेर सारे काम करते हैं:
- साफ-सफाई: गाँव को चमकाने के लिए कूड़ा हटवाते हैं।
- पानी और लाइट: हर घर में पानी और बिजली का इंतजाम।
- स्कूल और हॉस्पिटल: बच्चों के लिए अच्छे स्कूल और बीमारों के लिए डॉक्टर।
- रोड और पार्क: स्मूथ सड़कें और बच्चों के लिए खेलने की जगह।
उत्तराखंड में पंचायत चुनाव का जोश!
उत्तराखंड में पंचायत चुनाव बड़ा धमाल होता है! गढ़वाल और कुमाऊं के गाँवों में लोग अपने लीडर चुनने के लिए सुपर उत्साहित रहते हैं। आज, बारिश के बावजूद, लोग छाते लेकर वोट डालने गए। मुख्यमंत्री जी ने भी खटीमा में वोट डाला और कहा
“वोट डालो, गाँव को सुपर बनाओ!” ये तो जैसे तुम्हारी टीचर कहती हैं, “पढ़ाई करो, सुपर स्टार बनो!” गाँव वाले चाहते हैं कि उनका लीडर ऐसा हो, जो गाँव को चमका दे।
हम क्या सीख सकते हैं?
पंचायत चुनाव से हमें कुछ सुपर कूल बातें सीखने को मिलती हैं:
- वोटिंग है पावर! बड़े होकर वोट डालना, जैसे सुपरहीरो बनना है।
- लीडर बनो! अपने गाँव या स्कूल के लिए कुछ अच्छा करो, जैसे लीडर करते हैं।
- टीमवर्क जरूरी है! गाँव को बेहतर बनाने में सबको साथ मिलकर काम करना पड़ता है।