दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग जांच के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समन से बचने का फैसला किया है। आम आदमी पार्टी (आप) ने समन को ‘गैरकानूनी’ करार देते हुए केजरीवाल के इस इरादे की पुष्टि की है।
प्रवर्तन निदेशालय ने केजरीवाल को 18 मार्च को एपीजे अब्दुल कलाम रोड स्थित अपने कार्यालय में पेश होने के लिए समन जारी कर धनशोधन रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत उनका बयान देने का अनुरोध किया था। आप ने इन समन की आलोचना करते हुए संकेत दिया है कि यह लोकसभा चुनाव में केजरीवाल के शामिल होने में बाधा डालने की संभावित ‘राजनीतिक साजिश’ है।
दिल्ली की मंत्री आतिशी ने डीजेबी मामले पर संदेह व्यक्त करते हुए कहा कि यह आगामी चुनावों के लिए केजरीवाल के प्रचार प्रयासों को बाधित करने की एक चाल हो सकती है। इसके अतिरिक्त, केजरीवाल दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित एक अन्य मामले में जांच के दायरे में हैं। उन्होंने पहले उस मामले में आठ सम्मनों की अवहेलना की है, उन्हें “नाजायज” माना है। ईडी ने उन्हें इस मामले के संबंध में पूछताछ के लिए 21 मार्च को तलब किया है।
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