लखनऊ में साइबर ठगी: रिटायर्ड DIG को ठगों ने बनाया शिकार!

हाय, लखनऊ के दोस्तों! लखनऊ, जहाँ नवाबों का ज़माना और चाट-पकौड़ों की रौनक है, आज एक बड़ी खबर से गूंज रहा है। एक रिटायर्ड DIG (पुलिस ऑफिसर), जिनका नाम राकेश शुक्ला है, साइबर ठगों के जाल में फँस गए। ठगों ने उनसे लाखों रुपये ठग लिए, जैसे कोई तुम्हें फ्री गेम का लालच देकर तुम्हारा पॉकेट मनी ले ले!  आइए, जानते हैं ये साइबर ठगी कैसे हुई और ये इतनी बड़ी खबर क्यों है!

## ठगी कैसे हुई?

राकेश शुक्ला, जो पहले पुलिस में बड़े ऑफिसर थे, को वॉट्सऐप पर एक फ्रेंड रिक्वेस्ट आई। ये रिक्वेस्ट बलविंदर कुमार नाम के शख्स की थी, जो असल में ठग था। उसने राकेश जी को मैसेज किया कि सस्ते दाम पर घर का सामान, जैसे सोफा और फर्नीचर, बिक रहा है। ये तो वैसा ही है, जैसे कोई तुम्हें सस्ता खिलौना बेचने का वादा करे!

ठग ने खुद को असिस्टेंट कमांडेंट संतोष कुमार बताकर सामान की फोटो भेजी और कहा, “बस 1,10,000 रुपये दो, सामान तुम्हारा!” राकेश जी ने भरोसा करके पैसे भेज दिए, लेकिन सामान तो क्या, ठग ने और 65,000 रुपये माँगे। कुल मिलाकर, 1,75,000 रुपये की ठगी हो गई!

## ठगों का चालाकी भरा प्लान

ठगों ने बहुत चालाकी दिखाई। उन्होंने राकेश जी को ऐसा जाल में फँसाया कि वो समझ ही नहीं पाए। वॉट्सऐप पर फर्जी फोटो और मैसेज भेजकर उन्होंने भरोसा जीता, जैसे तुम्हारा दोस्त तुम्हें गेम शेयर करने का वादा करे। पैसे लेने के बाद ठग गायब हो गए,

और जब राकेश जी ने सामान माँगा, तो कोई जवाब नहीं मिला। ये तो जैसे तुम्हें कोई ऑनलाइन गेम में चीट कर दे! पुलिस ने बताया कि ठगों ने क्रिप्टोकरेंसी (डिजिटल पैसा) में पैसे कन्वर्ट किए, ताकि पकड़े न जाएँ।

## पुलिस ने क्या किया?

राकेश जी ने लखनऊ के साइबर क्राइम थाने में शिकायत की। पुलिस ने तुरंत केस दर्ज किया और ठगों को पकड़ने की कोशिश शुरू कर दी। साइबर क्राइम टीम अब वॉट्सऐप चैट्स और बैंक डिटेल्स चेक कर रही है,

जैसे तुम्हारे टीचर होमवर्क चेक करते हैं। पुलिस का कहना है कि ऐसे ठग अक्सर फर्जी नंबर और नाम इस्तेमाल करते हैं, लेकिन वो उन्हें ढूँढ निकालेंगे। लखनऊ में पहले भी साइबर ठग पकड़े गए हैं, जैसे हाल में 16 लोग एक बेटिंग ऐप के लिए पकड़े गए थे।

## लोग क्यों परेशान हैं?

ये खबर सुनकर लखनऊ के लोग डर गए हैं। अगर एक रिटायर्ड DIG ठगों का शिकार बन सकते हैं, तो आम लोग तो और आसानी से फँस सकते हैं! लोग अब ऑनलाइन मैसेज और कॉल्स से सावधान हो रहे हैं,

जैसे तुम्हें अनजान लोगों से बात न करने को कहा जाता है। सब कह रहे हैं कि साइबर ठगी को रोकने के लिए और सख्त कदम उठाने चाहिए। ये तो जैसे तुम्हारे स्कूल में चोरी रोकने के लिए नए नियम बनाए जाएँ!

## हम क्या सीख सकते हैं?

इस ठगी से हमें कुछ सुपर जरूरी बातें सीखने को मिलती हैं:
1. **अनजान मैसेज पर भरोसा न करो**: कोई सस्ता सामान या पैसा कमाने का लालच दे, तो पहले चेक करो।
2. **पैसे भेजने से पहले सोचो**: बिना पक्का यकीन किए पैसे न भेजो, जैसे तुम पॉकेट मनी बर्बाद नहीं करते।
3. **पुलिस को बताओ**: अगर ठगी हो जाए, तो तुरंत साइबर क्राइम थाने जाओ, जैसे तुम टीचर को बुली की शिकायत करते हो।

## लखनऊ का मूड कैसा है?

लखनऊ में आज लोग इस खबर से परेशान हैं। सब राकेश जी के लिए दुखी हैं और चाहते हैं कि ठग जल्दी पकड़े जाएँ। साथ ही, लोग साइबर ठगी से बचने के लिए अलर्ट हो रहे हैं।

ये तो जैसे तुम अपने गेमिंग पासवर्ड को सेफ रखते हो! पुलिस भी सुपर एक्टिव है और साइबर क्राइम को रोकने के लिए नए तरीके आजमा रही है।

## आगे क्या होगा?

पुलिस इस केस की पूरी जाँच कर रही है। वो ठगों के फर्जी नंबर और अकाउंट्स ट्रेस कर रहे हैं।

शायद जल्दी ही वो पकड़े जाएँ, और राकेश जी के पैसे वापस मिलें। लखनऊ में साइबर सेफ्टी के लिए और जागरूकता प्रोग्राम हो सकते हैं। तुम्हें क्या लगता है, साइबर ठगी रोकने का सबसे अच्छा तरीका क्या है?

 

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